Friday, December 28, 2012


दो अजनबी:-
हद पार हो जायें
मुश्किले सर पे सवार हो जायें
........................डरने का नहीं
ज़िन्दगी लाचार हो जाए
सुरों से मिठास खो जाए
.......................डरने का नहीं
अपनों की खातिर जीना
चाहे कितना ही गम हो
बुरी आदत होता  है पीना
झूठ कभी कहने का नहीं
सच बोलने से
....................डरने का नहीं
पसन्द  बदल जाती है
ज़िन्दगी की कड़ियाँ जूड सी जाती है
प्यार की डोर के सहारे
दो अजनबी बन ही जाते है हमारे -तुम्हारे

Wednesday, December 19, 2012

शौक नहीं होता:-
क्या सोचते हो 
जो करते हो 
सूत समेत भरते हो 
फिर भी गुनाह करके 
गंगा की और टकते   हो 
रहमत होगी उसकी यकीन रखते हो 
तो फिर क्यूँ अपनों  से बैर रखते हो 
क्या मुझे हक नहीं जीने का 
शौक नहीं होता है 
कुछ को अपने अश्कों  को पीने का 
तो कुछ को गम जीने  का 
वो तो हालात ही बिगड़ जाते हैं 
तभी तो कुछ लोग वक़्त के आगे 
खुद को तन्हा  ही पाते है 
होता  जो विश्वास  का है  सहारा 
तो मिल ही जाता है जिंदगी को किनारा 

Friday, December 14, 2012


यह क्या करने चले :-
हो रही थी कायदों की बातें 
सो रही थी आवाम ,
मत पूछो  कैसी कटती थी उनकी रातें 
इतिहास खुद ही को  दोहरा जाएगा 
फिर मेरा पाप बन काल,
 मुझ ही पर मंडराएगा 
तौहीन माँ की करने चले हो 
और गैरो से मिलते गले हो 
यह वक़्त कल फिर से आएगा 
माँ की जगह तू खुद ही को खड़ा पाएगा 
बस उसी दिन इस  दिल को सूकून आ जाएगा 

Thursday, December 13, 2012

जब तक है जान :-
लाखों  की तक़दीरें बदल जाती हैं पल भर में 
करोडो की आहें निकल जाती हैं तेरी चाह  में 
सुना  चुके हैं अपनी दास्ताँ 
साथ रहेंगे तेरे जब तक है जान 
जान कर भी ना बन अनजान 
तेरे बिना मेरा नहीं  कोई  नामो-निशान 
इश्क में तेरे सिमटा  मेरा जहान 


Wednesday, December 12, 2012


तेरी तारीफ़ :-
लिखते लिखते शाम हो जाएगी
कहते कहते रात गुजर जाएगी
बातों बातों में वो पल आ गया
तेरा मेरा मिलना सबको रास आ गया
हम तुझसे दूर रह कर भी
हैं तेरे नजदीक
मिलने  मिलाने की करते रहते तरकीब
तुमसे मिलने से पहले हम भी थे शरीफ
 अब बदमाशी करने की मिलती तुमसे तारीफ़

Tuesday, December 11, 2012


इक तेरा साथ :-
कुछ  कह रही  हवा की आहते 
नूर में नूर है तेरी चाहतें 
बमुश्किल मिलती है वो ख्वाहिशें 
खुदा से की थी जो फरमाइशे  
कोई क्या जाने जन्नत इस जहां में मौजूद है कभी  से 
जीना सीखा  रही तुम मुझे सही से 

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...