Saturday, July 14, 2012


   सपनो की मूरत 
दूर दूर तक तेरा सा नहीं I
तेरे सिवा कोई अपने सा नहीं I
सपनो की मूरत को तुझमे रूबरू पाया है I
तुझसे दूर रहकर , खुद को तनहा पाया है I
तुझे पास रखने की फरियादे करता हूँ I
अब तो नींद में भी तुझसे ही मुलाकातें  करता हूँ I

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sad shayari

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