Saturday, October 20, 2012

ये दूरियां नहीं :-
जो खुद को तनहा समझा तो खैर नहीं 
मिलने मिलाने से हमे परहेज़ नहीं 
हम परदेशी सही पर गैर नहीं 
किस और जाएँ सोचते हैं 
तेरी ही खातिर खुद को रोकते हैं 
ये रिश्ते नहीं कहने के 
दूर जाके भी न भूले 
क्या कम है 
पास रहे न रहे हम तेरे 
पर हम तेरे हमदम हैं

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...