Wednesday, December 12, 2012


तेरी तारीफ़ :-
लिखते लिखते शाम हो जाएगी
कहते कहते रात गुजर जाएगी
बातों बातों में वो पल आ गया
तेरा मेरा मिलना सबको रास आ गया
हम तुझसे दूर रह कर भी
हैं तेरे नजदीक
मिलने  मिलाने की करते रहते तरकीब
तुमसे मिलने से पहले हम भी थे शरीफ
 अब बदमाशी करने की मिलती तुमसे तारीफ़

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...