कोई कैसे उनको पहचानता
हर हार पे खुद को संभालना
जैसे तैसे अपनी हार को तालना
कोई आम बात नहीं थी
जीत के जश्न में डूबे ऐसी रात
भी उन्हें गवारा नहीं थी
हारना जीतना तो एक पैमाना भर है
हर पल जिएं तो ज़िन्दगी भी कम है
स्वामीजी का यह सन्देश
मिटाए जीवन भर का क्लेश