Friday, December 14, 2012


यह क्या करने चले :-
हो रही थी कायदों की बातें 
सो रही थी आवाम ,
मत पूछो  कैसी कटती थी उनकी रातें 
इतिहास खुद ही को  दोहरा जाएगा 
फिर मेरा पाप बन काल,
 मुझ ही पर मंडराएगा 
तौहीन माँ की करने चले हो 
और गैरो से मिलते गले हो 
यह वक़्त कल फिर से आएगा 
माँ की जगह तू खुद ही को खड़ा पाएगा 
बस उसी दिन इस  दिल को सूकून आ जाएगा 

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...