किसी की कीमत समझने को
उसके बिच्छ ड़ने का इंतज़ार क्यूँ करे
हारना जीतना
रोना मुस्कुराना
बैठे -बैठे आँखों का नम सा हो जाना
कभी इतराना कभी मिट्टी में मिल जाना
डर में चिल्लाना
अपनों पे गुर्राना
कभी -कभी अच्छा होता है बस चुप रह जाना