Monday, February 11, 2013


पूछो एक सवाल खुद ही से ..........
हद हो जाती है कभी -कभी
पल भर में दूर हो जाते हैं सभी
वक़्त के  बदलते
हालातो के चलते
हम खो जाते हैं कभी-कभी
हर किसी के जीवन में
कभी हार तो कभी जीत में
एक बैचैनी सी हो जाती है
हम क्या चाहते हैं
बस एक यही बात
क्यूँ हम भूल से जाते हैं
 बेफिक्री में हम कहाँ से कहाँ निकल जाते हैं
होती है जो सुबह तो खुद ही पे तरस खाते हैं
जरा पूछो एक सवाल खुद ही से
जिस पल  चाहते हैं दूसरो  का साथ
उसी पल खुद ही को तन्हा  क्यूँ  छोड़ जाते हैं

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...