Friday, February 8, 2013


खूब  तेरा  प्यार..............
हो रही थी सुबह चांदनी  सी जगमग 
खिली -खिली  थी दोपहर और हुई बरखा झमाझम 
शाम भी पलके बिछाये थी  बैठी 
अपने दिल की  फिर तू क्यूँ न कहती 
तेरे मेरे मिलने की शाम  है  आई 
आप बीती हम दोनों ने  सुनाई 
 खूब  तेरा  प्यार और खूब है उसकी गहराई 

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...