खूब तेरा प्यार..............
हो रही थी सुबह चांदनी सी जगमग
खिली -खिली थी दोपहर और हुई बरखा झमाझम
शाम भी पलके बिछाये थी बैठी
अपने दिल की फिर तू क्यूँ न कहती
तेरे मेरे मिलने की शाम है आई
आप बीती हम दोनों ने सुनाई
खूब तेरा प्यार और खूब है उसकी गहराई