चुभता है तेरा साथ ना होना
बहते झरनों की
पक्षियों के चेह्चाहने की
बातें कुछ और ही होती है
पर तुमसे दूर रहने की
सजा हमें नामंज़ूर होती है
बातें करते-करते घण्टों गुजारे
फिर भी मेरा रोम-रोम बस तुम्हे ही पुकारे
जिद्द है हर पल तेरे साथ बिताने की
बन के हवा तुझ में ठहर जाने की
तेरी हर एक याद में बस जाने की