जो दूर हुए हैं तुमसे
इरादे तो साफ़ थे
कुछ दिन पहले हम साथ थे
कुछ ही पलों में वो हफ्ता निकल गया
देखा हमारा प्यार और गहरा हो गया
लगता था ऐसे
हम तुम हो गए थे जैसे
बैठे बैठे सोच रहे हैं
हम तुम चुप हैं
फिर भी कैसे बोल रहे हैं