Friday, March 1, 2013


सुख  दुःख   के फेर में 
ज़िन्दगी की अंधेर में 
खो जाए   
वो  प्यार नहीं 
सुबह की सैर में 
सागर की लहर में 
बह  जाए 
वो   यार नहीं 
हर पल एक रोशनी  सी 
इन आँखों के सामने है रहती 
तू  निर्मल सी 
गंगा बन मेरे जीवन में है बहती
चलते चलते 
यूँहीं खिलखिला उठते हैं 
लिखते लिखते 
तेरी बातों में खो जाया करते हैं 
हम हैं अब राहत में 
जाने कब दिन गुजर जाता है 
तेरी चाहत में 

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...