ख्वाजा के पीर
माँ की खीर
राँझा की हीर
खुदा की रहमत हैं
गुल का गुलाब
आजादी के पहले का नवाब
जागती आँखों का ख्वाब
इनकी ना कोई सरहद है
गोविंदा का डांस
पहली नौकरी का चांस
फ्रांस में कांस
लाखों दिलों की धड़कन हैं
हर किसी की आँखों में एक
सपना सजता है
जब जब उस राह को जाता
रास्ता उखड़ता है
लगा यूँ की जैसे सांप कोई डस्ता है
करने को कुछ ख़ास
रखो ज़रा खुद से आस
कोई हो ना हो पास
लगे रहो क्यूंकि तुम हो ख़ास