Saturday, March 2, 2013

तरकश के  तीर 
ख्वाजा के पीर 
माँ की खीर 
राँझा की हीर 
खुदा की रहमत हैं 
गुल का गुलाब 
आजादी  के पहले का नवाब 
 जागती आँखों का ख्वाब 
इनकी ना कोई सरहद है 
गोविंदा का  डांस 
पहली नौकरी का चांस 
फ्रांस में कांस 
लाखों दिलों की धड़कन हैं 
हर किसी की आँखों में एक 
सपना सजता है 
जब जब उस राह को जाता 
रास्ता उखड़ता है 
लगा  यूँ की जैसे सांप कोई डस्ता है   
करने को कुछ ख़ास 
रखो ज़रा खुद से आस 
कोई हो ना हो पास 
लगे रहो क्यूंकि तुम हो ख़ास 

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...