Tuesday, March 19, 2013

समय का पहिया घूमता रहा 
तेरा मेरा मिलना यूं ही चलता रहा 
दिन ब दिन रूप तुम्हारा खिलता रहा 
कंगन तुम्हारा खनकता रहा 
रोशन ...गुजरी दिवाली दीये  कई  हुए 
जब से तुम मिले रोशन हम हुए 
होली के  रंगों में रंगीन भी हुए 
तुम्हारे बिना संगीन भी हुए 
तुम आसमान तो ज़मीन हम हुए 
हर गुजरते  पल के साथ 
हमराज़ हम तुम हुए 

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...