तेरा मेरा मिलना यूं ही चलता रहा
दिन ब दिन रूप तुम्हारा खिलता रहा
कंगन तुम्हारा खनकता रहा
रोशन ...गुजरी दिवाली दीये कई हुए
जब से तुम मिले रोशन हम हुए
होली के रंगों में रंगीन भी हुए
तुम्हारे बिना संगीन भी हुए
तुम आसमान तो ज़मीन हम हुए
हर गुजरते पल के साथ
हमराज़ हम तुम हुए