Sunday, March 3, 2013

खट्टा मीठा
रिश्ता तेरा मेरा सबसे अनूठा 
दो अंजानो का मिलना 
जैसे फूलों का खिलना 
बारी बारी हम तुम
हो जाते हैं गुमसुम 
पूछे तो कहते हैं 
ऐसी ही होती है प्यार की धुन 
जिक्र औरो का कभी हमने किया नहीं 
तेरे सिवा और किसी को अपना  समझा भी नहीं 
वक़्त के साथ साथ 
अपनी कमीयों को हमने रुकसत यूँ किया 
जैसे तू मेरी बाती  मैं  तेरा दिया 

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...