Friday, December 28, 2012


दो अजनबी:-
हद पार हो जायें
मुश्किले सर पे सवार हो जायें
........................डरने का नहीं
ज़िन्दगी लाचार हो जाए
सुरों से मिठास खो जाए
.......................डरने का नहीं
अपनों की खातिर जीना
चाहे कितना ही गम हो
बुरी आदत होता  है पीना
झूठ कभी कहने का नहीं
सच बोलने से
....................डरने का नहीं
पसन्द  बदल जाती है
ज़िन्दगी की कड़ियाँ जूड सी जाती है
प्यार की डोर के सहारे
दो अजनबी बन ही जाते है हमारे -तुम्हारे

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...