Wednesday, January 2, 2013


कर सकते हैं अब हम भी प्यार :-
बस इन पलो के गुजरने की
आस इस दिल में लगाए बैठे थे
वक़्त की बेलगाम होती इस
डोर को थामना आसान नहीं
वो  भी समझते थे .....
तभी इत्तेफ़ाक़न वो
इकरार -ए - मोहब्बत कर गए
चलते-चलते  हमसे शरारत कर गए
कर सकते हैं अब हम भी प्यार
वो इजाज़त हमें दे गए

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...