Friday, March 15, 2013

इस जहां में मुश्किले कम न होंगी 
जब तक  जियेंगे 
शिकवे शिकायते भी लगी ही रहेंगी 
कल हमें आज का यकीन था 
आज हमें तुम्हारा हो  चला 
जीने की  खातिर 
मैं  रहा हर पल  हाज़िर
बस कर देना अपनी 
हर ख्वाहिश हमपे जाहिर 
तुम  हो गयी 
जबसे मुझमे शामिल 
तभी से समझा 
हमने खुद को काबिल 

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...