Sunday, March 17, 2013

मैं लिखता रहा तुम सुनती रही 
मैं कहता रहा तुम बुनती रही 
सोने सोने सपनो में खोती रही
आँखों की नमी 
कहीं गुम हो गयी  
जशन की है रात 
की तुम हमारी हो गयी 

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...